۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
بعثت

हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह स.अ.की बेसत का सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य न्याय प्रणाली और समानता को स्थापित करना था जैसा कि क़ुरआन फ़रमाता है कि, हम ने अपने पैग़म्बरों को लोगों की हिदायत और उन्हें सही दिशा दिखाने के लिए दलीलों और न्याय प्रणाली के साथ भेजा ता कि लोग न्याय और समानता के उसूलों पर चलें।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,आपकी बेसत का सबसे अहम लक्ष्य लोगों को हिदायत का रास्ता दिखाया जाना है, जिस से लोगों को असली सुख, सफ़लता और निजात प्राप्त हो सके।

इंसान नबियों और अल्लाह की ओर से नबियों पर आने वाली ख़बरों के बिना उन सुख, सफ़लता और निजात तक नहीं पहुँत सकता, क्योंकि इंसान की अपनी बुध्दि और ज्ञान उसके जीवन की बहुत सी आवश्यकताओं को तो पूरा कर सकते हैं लेकिन व्यक्तिगत, सामाजिक, आध्यात्मिक, दुनिया और आख़ेरत सुख और सफ़लता और निजात तक नहीं पहुँचा सकते, इसलिए अगर इंसानी बुध्दि और उसके निजी ज्ञान के अलावा इन तक पहुँचने के लिए कोई और रास्ता न हो तो अल्लाह की रचना पर सवाल खड़ा हो जाएगा।

ऊपर दिये गए विश्लेषण के बाद यह परिणाम सामने आता है कि अल्लाह की हिकमत ने इस आवश्यकता को समझते हुए इंसानी बुध्दि और ज्ञान से मज़बूत चीज़ को इंसान के जीवन के सभी क्षेत्र के विकास के लिए रखा, अब इंसान ख़ुद अपने आपको इतना पवित्र कर ले कि उस स्थान तक पहुँच जाए या कुछ दूसरे पवित्र लोगों द्वारा वह फ़ार्मूला हासिल कर ले, और उस सिलसिले का नाम वही  (وحی)है,

जिसको अल्लाह ने नबियों से विशेष कर रखा है, नबी सीधे अल्लाह से और बाक़ी सभी नबियों के द्वारा अल्लाह के संदेश को हासिल करते हैं, और वह सारी चीज़ें जो असली सुख, सफ़लता औल निजात के लिए अनिवार्य हैं उन्हें हासिल कर लेते हैं। (आमूज़िशे अक़ाएद, पेज 178)

आपकी बेसत का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य न्याय प्रणाली और समानता को स्थापित करना था, जैसा कि क़ुर्आन फ़रमाता है कि, हम ने अपने पैग़म्बरों को लोगों की हिदायत और उन्हें सही दिशा दिखाने के लिए दलीलों और न्याय प्रणाली के साथ भेजा ता कि लोग न्याय और समानता के उसूलों पर चलें। (सूरए हदीद, आयत 25)

क्या आप जानते हैं कि, अल्लाह ने नबियों और रसूलों क्या लक्ष्य दे कर भेजा है, क्या बेसत पूजा से रोकें? या बेसत का लक्ष्य यह था कि हर दौर से अन्याय, अत्याचार और जेहालत को हमेशा के लिए उखाड़ कर इंसानी सभ्यता को स्थापित कर सकें? या लक्ष्य यह था कि लोगों को नैतिक सिध्दांत और समाजिक प्रावधानों से परिचित करा सकें जिस से लोग इसी आधार पर अपने जीवन संबंधों को सुधार सकें?

इस सवाल का जवाब इस प्रकार उचित होगा कि ऊपर जो भी कहा गया नबी का लक्ष्य और उद्देश्य इन सब से ऊँचे स्तर का होता है, ऊपर लक्ष्यों का नाम लिया गया है वह नबी के लक्ष्य और उद्देश्य का एक हिस्सा है, और वह लक्ष्य अत्याचार और अन्याय का सफ़ाया कर के व्यक्तिगत और समाजिक क्षेत्र में न्याय प्रणाली की स्थापना है, और हक़ीकत में यह लक्ष्य दूसरे तमाम लक्ष्यों को हासिल करने का बुनियादी ढ़ाँचा और पेड़ है,

बाकी लक्ष्य इसी के टहनी हैं, क्योंकि अल्लाह की इबादत, नैतिक सिध्दांत, समाजिक प्रावधान और इंसानी सभ्यता से दूरी का कारण सही न्याय प्रणाली का न होना है।

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