हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "सवाबुल अलआमाल" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول اللہ صلی اللہ علیه وآله وسلم
إنَّما سُمِّيَ شَعبانُ لأِنَّهُ يَتَشَعَّبُ فيهِ أرزاقُ المُؤمِنينَ
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
माहे शाबान का नाम (शाबान) इसलिए रखा गया है क्योंकि इस महीने में मोमिनन का रिज़्क तक्सीम होता हैं।
सवाबुल अलआमाल,पेज 62