हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الإمام المهدی، صاحب العصر و الزّمان :(علیه السلام و عجّل الله تعالى فرجه الشّریف
إنّا غَيْرُ مُهْمِلينَ لِمُراعاتِكُمْ، وَ لا ناسينَ لِذِكْرِكُمْ، وَ لَوْلا ذلِك لَنَزَلَ بِكُمْ الْلَأواءُ وَاصْطَلَمَكُمْ الْأعْداءُ فـَاتـَّقـُوا اللّه َجَلَّ جـَلالُهُ.
हज़रत इमाम ए ज़माना अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:
हम तुम्हारे (हाल) की ओर तवज्जो करने मे कोताही नही करते, और तुम्हे नही भूलते अगर ऐसा ना हो तो मुश्किलात तुम्हे घेर लेती और दुश्मन तुम्हे (नाबूद) खत्म कर देते, इसलिए तक़वा इलाही इख्तियार करो।
बिहारुल अनवार, भाग 53, पेज 175