हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मुसलमानों को क़ुद्स दिवस का सपोर्ट करना चाहिए। मैंने बार बार इस्राईल की लालच की ओर से सचेत किया है कि इस्राईल ऐसा नहीं है कि जिन सरज़मीनों को उसने हथिया लिया बस वहीं पर रुक जाए।
आपने देख लिया कि उसने अपनी राजधानी क़ुद्स को क़रार दिया है और ये सब चीज़ें जो अमरीका, मानवाधिकार के समर्थक और उन (वैश्विक) संगठनों व हल्क़ों की तरफ़ से हैं से सब कुछ बेतुकी शायरी के सिवा कुछ नहीं है।
ऐसा नहीं है कि अमरीका संजीदगी के साथ इसका मुख़ालिफ़ हो कि इस्राईल की राजधानी क़ुद्स हो और इसके बाद भी इस्राईल इस तरह की हरकत कर सके। ये सब कुछ दिखावे के सिवा कुछ नहीं हैं।
इन सबकी आपस में मिली भगत है कि हम मुसलमानों को निगल जाएं, उन लोगों को जो एशिया में, अफ़्रीक़ा में और उन जगहों पर हैं और अफ़सोस यह है कि मुसलमानों को अब भी होश नहीं आ रहा है।