۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
रहबर

हौज़ा/ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह सैयद अली ख़ामेनई का कहना है कि ग़ज़ा में फ़िलिस्तीनियों के प्रतिरोध ने अमरीका और इस्राईल को निराश कर दिया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह सैयद अली ख़ामेनई का कहना है कि ग़ज़ा में फ़िलिस्तीनियों के प्रतिरोध ने अमरीका और इस्राईल को निराश कर दिया है।

1978 में अमरीका समर्थित पहलवी शासन के ख़िलाफ़ लोकप्रिय विद्रोह की सालगिरह के अवसर पर पवित्र शहर क़ुम के लोगों के साथ एक मुलाक़ात के दौरान, सुप्रीम लीडर ने यह टिप्पणी की।

उन्होंने कहा कि सीमित संख्या में एक छोटे से टुकड़े के लोग, कि जिसे ग़ज़ा कहा जाता है, अमरीका और इस्राईल को निराश करने में सफल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ज़ायोनी शासन फ़िलिस्तीनियों पर जो ज़ुल्म कर रहा है, वह इतिहास बाक़ी रह जायेंगे और ज़मीन से इस शासन के मिटने के बाद भी उनके निशान नहीं मिट सकेंगे। इसी तरह से यह भी नहीं भुलाया जा सकेगा कि किस तरह फ़िलिस्तीनियों के धैर्य और प्रतिरोध ने ज़ायोनी शासन को पीछे हटने पर मजबूर किया।

आयतुल्लाह ख़ामेनई का कहना थाः क़रीब 100 दिन तक ज़ुल्म करने के बावजूद, ज़ायोनी शासन अपना कोई लक्ष्य हासिल नहीं कर सका है, इस हार का क्या मतलब है? उन्होंने दावा किया था कि हम हमास को ख़त्म कर देंगे, लेकिन वे फ़ेल हो गए हैं।

उन्होंने कहा था कि हम ग़ज़ा के लोगों को विस्थापित कर देंगे, लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके, उन्होंने कहा था कि हम प्रतिरोध की ताक़त को ख़त्म कर देंगे, लेकिन वह यह भी नहीं कर सके।

उन्होंने आगे कहाः प्रतिरोध ज़िदां है और ताज़ा और तैयार भी है, जबकि ज़ायोनी शासन थका हुआ और अपमानित है और उसके माथे पर अपराधी की मोहर लग गई है। आज की स्थिति यह है। इससे एक सबक़ मिलता है।

इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने किरमान में हालिया आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए कहा कि इस्लामी गणतंत्र इस हमले में शामिल और पर्दे के पीछे छिपने वाले असली तत्वों को ढूंढकर सज़ा देगा।

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