हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "मकारिम अख्लाक" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال امیرالمؤمنين عليه السلام
من أكَلَ الطَّعامَ عَلَى النَّقاءِ وأجادَ الطَّعامَ تَمَضُّغا وتَرَكَ الطَّعامَ وهُوَ يَشتَهيهِ ، ولَم يَحبِسِ الغائِطَ إذا أتى، لَم يَمرَض إلّا مرض الموت؛
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
जो भी पाक और पाकीज़ा और अच्छा खाना खाए और इसे अच्छी तरह चबाएं जबकि अभी इसकी भूख बाकी हो, और खाने से हाथ खींच ले और जब इसे (शौच) पखाना आए तो इसे रोके नहीं तो सेवाएं खुद की मौत के अलावा कोई बीमारी इसके करीब नहीं आएगी
मकारिम अख्लाक,भाग 1,पेंज 314,हदीस 1003
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