हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "तोहफ ए ओकूल" पुस्तक से लिया गया हैं इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الحسن المجتبی علیه السلام
يا بُنَيَّ لا تُؤاخِ أَحَدا حَتّى تَعْرِفَ مَوارِدَهُ وَ مَصادِرَهُ فَإذا اسْتَنْبَطْتَ الخُبْرَةَ وَرَضِيتَ العِشْرَةَ فَآخِهِ عَلى إقالَةِ العَثْرَةِ وَالمُواساةِ فِى العُسْرَةِ
हज़रत इमाम हसन अ.स. ने फरमाया:
मेरे बेटे किसी से दोस्ती ना करो, मगर यह की पहचान लो कि वह कहां से आया है और कहां जा रहा है(उसके अख्लाक और परिवार वालों के बारे में जान लो) और जब सही मालूमात कर लो और इसे अच्छा इंसान पाओ तो इसकी गुनाहों को माफ करो और कठिनाइयों में इसके भाई बनकर रहो और इस से दोस्ती जारी रखो,
तोहफ ए ओकूल अन आले रसूल,पेज 233