हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
تِلْكَ آيَاتُ اللَّهِ نَتْلُوهَا عَلَيْكَ بِالْحَقِّ ۗ وَمَا اللَّهُ يُرِيدُ ظُلْمًا لِّلْعَالَمِينَ तिलका आयातुल्लाहे नतलूहा अलैका बिल हक्क़े वमाल्लाहो योरीदुज ज़ुल्मन लिल आलामीना (आले इमरान, 108)।
अनुवाद: ये ईश्वरीय श्लोक हैं जिन्हें हम सच्चाई के साथ आपको सुना रहे हैं, क्योंकि भगवान दुनिया के लोगों पर अत्याचार करने का इरादा भी नहीं रखते हैं।
क़ुरआन की तफसीर:
1️⃣ अल्लाह की रस्सी को मजबूती से पकड़ना, फूट से बचना, अच्छे का आदेश देना और बुराई से रोकना, अल्लाह की आयतें सच्ची हैं।
2️⃣ दिव्य श्लोकों की प्रामाणिकता।
3️⃣ मूल्यों की गुणवत्ता एवं संतुलन सही हो।
4️⃣ पवित्र होना और अल्लाह ताला के हर प्रकार के ज़ुल्म और ज़ुल्म से आज़ाद होना।
5️⃣ अल्लाह तआला का हुक्म किसी भी तरह के जुल्म और नाइंसाफी की आशंका से दूर है।
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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान