۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा  |शारीरिक कारक और कारण अल्लाह ताला की इच्छा के अनुसार कार्य करते हैं। किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व गर्भ में बनता है। माँ के गर्भ में बच्चे का प्रकट होना अल्लाह के शाश्वत अस्तित्व का प्रकटीकरण है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم    बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
هُوَ الَّذِي يُصَوِّرُكُمْ فِي الْأَرْحَامِ كَيْفَ يَشَاءُ ۚ لَا إِلَـٰهَ إِلَّا هُوَ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ  होवल लज़ी योसव्वोरोकुम फ़िल अरहामे कयफ़ा यशाओ ला इलाहा इल्ला होवल अलीयुल अज़ीम (आले-इमरान, 6)

अनुवाद: वह (अल्लाह) वह है जो माँ के गर्भ में आपकी इच्छानुसार आपके रूप बनाता है। उसके अलावा कोई इलाह नहीं है। वह पराक्रमी और बुद्धिमान है।

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣ माँ के गर्भ में बच्चे का प्रकट होना अल्लाह के शाश्वत अस्तित्व की अभिव्यक्ति है।
2️⃣ माँ के पेट में अल्लाह तआला द्वारा ही बच्चे को रूप व आकार देना उसके एकेश्वरवाद का प्रमाण है।
3️⃣ भौतिक कारक और कारण अल्लाह ताला की इच्छा के अनुसार कार्य करते हैं।
4️⃣ मनुष्य का व्यक्तित्व गर्भ में बनता है।
5️⃣अल्लाह तआला काफिरों से अभिभूत नहीं है, बल्कि काफिरों की बौद्धिक और शारीरिक व्यवस्था अल्लाह सर्वशक्तिमान की इच्छा से संचालित होती है।


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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान

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