۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
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हौज़ा / ईरान के परमाणु केन्द्रों की सुरक्षा में सिपाहे पासदारान के कमांडर ने कहा कि अगर इस्राईल ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करने की धमकी देकर उस पर दबाव डालना चाहता है तो ईरान की घोषित परमाणु नीति में परिवर्तन व बदलाव संभव है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सिपाहे पासदारान के जनसंपर्क विभाग की रिपोर्ट के अनुसार ब्रिगेडियर जनरल अहमद हक़ तलब ने सफल "सच्चा वादा" नामक कार्यवाही और ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर जायोनी सरकार के हमलों की ओर संकेत किया और कहा कि इन धमकियों का संबंध आज और कल से नहीं है और अवैध जायोनी सरकार पिछले वर्षों में धमकियां दे चुकी है और ईरान के परमाणु उद्योग के क्षेत्र में विध्वंसक एवं आतंकवादी कार्यवाहियां कर चुकी है।

कमांडर हक़ तलब ने कहा कि यद्यपि प्रोटोकाल, अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और कानूनों के अनुसार समस्त देशों का आह्वान किया गया है कि वे परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करने से बचें व परहेज़ करें परंतु इस्लामी गणतंत्र ईरान ने हमेशा और आरंभ से ही इन चुनौतियों के मुकाबले हेतु अपनी तत्परता की घोषणा कर रखी है।

उन्होंने इसी प्रकार सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी दूतावास के काउंसलेट विभाग पर जायोनी सरकार के हालिया हमले की ओर संकेत किया जो समस्त अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन था और कहा कि प्रतीत नहीं हो रहा है कि इस्राईल ईरान के परमाणु प्रतिष्ठान पर हमला करने की सोचेगा।

सिपाहे पासदारान के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल हक़ तलब ने कहा कि सर्वोच्च नेता के मार्गदर्शन और समस्त आधुनिकतम संभावनाओं का प्रयोग करके जायोनी सरकार के हर प्रकार के खतरे से ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों की रक्षा की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान की सशस्त्र सेना पूरी तरह चौकस है।

ब्रिगेडियर जनरल हक तलब ने कहा कि जायोनी सरकार के परमाणु केन्द्रों की पूरी और ज़रूरी जानकारियां हमारे पास हैं और जायोनी सरकार के संभावित खतरे का मुकाबला करने के लिए लक्ष्यों को निर्धारित कर दिया गया है और मिसाइल फायर करने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं।

उन्होंने बल देकर कहा कि जायोनी सरकार द्वारा ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों के खिलाफ हमले की स्थिति में निश्चित रूप से उसे ईरान की कड़ी प्रतिक्रिया का सामना होगा और आधुनिकतम हथियारों से जायोनी सरकार के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि अगर अवैध जायोनी सरकार ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करने की धमकी देकर उस पर दबाव डालना चाहती है तो ईरान की घोषित परमाणु नीति में पुनर्विचार संभव है।

उन्होंने कहा कि अगर जायोनी सरकार ईरान के खिलाफ कोई अतिक्रमण की कार्यवाही करती है तो उसे ईरान की सशस्त्र सेना के जवाब का सामना होगा और वह इस बात से निश्चिंत रहे कि ईरान की सशस्त्र सेना से उसे जो जवाब मिलेगा वह "सच्चे वादे" नामक हमले की तरह इतिहास में याद रहेगा।
 

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