हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, इस साल नोबेल शांति पुरस्कार एक जापानी गैर-सरकारी संगठन को परमाणु हथियारों को खत्म करने के प्रयासों के लिए दिया गया था, गैर-सरकारी संगठन निहोन हिडानक्यो को यह पुरस्कार देते समय नोबेल समिति ने कहा कि यह केवल मौखिक प्रयास नहीं है। संगठन परमाणु हथियारों के पीड़ितों और उनकी व्यावहारिक गवाही को प्रस्तुत करके परमाणु हथियारों के विनाश की एक व्यावहारिक तस्वीर प्रस्तुत करता है, ताकि यह समझा जा सके कि परमाणु हथियारों का उपयोग मानवता के लिए कितना विनाशकारी है। संगठन ने परमाणु हथियारों के हजारों पीड़ितों की मदद की है। गवाहों को खड़ा किया, सार्वजनिक अपीलें कीं, संयुक्त राष्ट्र में प्रतिनिधिमंडल भेजे और दुनिया को परमाणु हथियार नष्ट करने के लिए राजी करने के लिए कई शांति स्थापना सम्मेलन आयोजित किए।
निहान हिडानक्यो संगठन 1945 में हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए परमाणु बम विस्फोटों से बचे लोगों का एक आंदोलन है, दुनिया में चल रहे संघर्ष के बीच इस तरह का प्रयास एक अनुस्मारक है कि दुनिया परमाणु हथियारों से होने वाले विनाश से मुक्त है ऐसे में इस प्रयास की सराहना करते हुए नोबेल पुरस्कार के लिए चयन करना महत्वपूर्ण हो जाता है।
पिछले साल ईरानी कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें ईरान में महिलाओं के अधिकारों और महिलाओं की स्वतंत्रता के संघर्ष के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया, शांति के अलावा चिकित्सा, भौतिकी, रसायन विज्ञान जैसे अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए भी नोबेल पुरस्कार दिया जाता है। इसके अलावा शांति पुरस्कार दुनिया के विभिन्न राजनीतिक और सार्वजनिक नेताओं को भी सौंपा जाता है।