हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,आराक के एक संवाददाता के अनुसार, मदरसा इल्मिया कौसर ज़रांदिया के संस्थापक हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन रहमती नया ने शहीद शिक्षक मुर्तज़ा मुताहारी की बरसी के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में खिताब करते हुए कहा: नहजुल बालागा हिक्मत नं 113 अठारह शब्दों से मिलकर बना है। हम उनमें से एक का उल्लेख करते हैं जहां अमीरुल मोमिनीन (अ.स.) कहते हैं कि कोई भी माल व दौलत अक्ल से बेहतर नहीं है।
उन्होंने आगे कहा बुद्धि भौतिक और आध्यात्मिक संसाधन प्रदान कर सकती है, लेकिन यहां हमारी बुद्धि का मतलब सांसारिक चतुराई नहीं है, क्योंकि यह एक शैतानी अभ्यास और बुराई का एक रूप है।
मदरसे इल्मिया कौसर के प्रमुख ने कहा अक्ल के माध्यम से अल्लाह की इबादत करें और जन्नत तक पहुंचाने का रास्ता तलाश करें।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन रहमती नया ने आगे कहां,इल्म व अक्ल के दरमियान अक्ल को तरजीह दी जाती है,अक्ल के माध्यम से शिक्षा प्राप्त की जाती है जिस पर अमल करना जरूरी है अक्ल को हमेशा काबू में रखना चाहिए और धोखाधड़ी से दूर रहना चाहिए।