۸ مهر ۱۴۰۳ |۲۵ ربیع‌الاول ۱۴۴۶ | Sep 29, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा / हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में दौलतमंदों और फकीरों के दो अलग-अलग रवैए की ओर इशारा किया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "नहजुल बलाग़ा " पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार हैं।

:قال امیرالمؤمنين عليه السلام

مَا أَحْسَنَ تَوَاضُعَ الْأَغْنِيَاءِ لِلْفُقَرَاءِ، طَلَباً لِمَا عِنْدَ اللَّهِ؛ وَ أَحْسَنُ مِنْهُ تِيهُ الْفُقَرَاءِ عَلَى الْأَغْنِيَاءِ، اتِّكَالًا عَلَى الله.

हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:

अल्लाह के यहां आज्र के लिए दौलतमंदों का फकीरों से आज्ज़ी और इंकेसाकी बरतना कितना अच्छा है और इससे अच्छा फकीरों का आल्लाह पर भरोसा करते हुए दौलतमंदों के मुकाबले में खुद्दारी से पेश आना हैं।

नहजुल बलाग़ा,हिक्मत नं 406 

कमेंट

You are replying to: .