हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "नहजुल बलाग़ा" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार हैं।
:قال الامام العلی علیه السلام
"ثمرة التفريط الندامة، وثمرة الحزم السلامة "
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
कोताही का नतीजा शर्मिंदगी और एहतियात और दूरअंदेशी का नतीजा सलामती हैं।
नहजुल बलाग़ा हिक्मत नं 181