हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "नहजुल बलाग़ा " पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार हैं।
:قال امیرالمؤمنين عليه السلام
مَنْ أَصْلَحَ سَرِيرَتَهُ، أَصْلَحَ اللَّهُ عَلَانِيَتَهُ؛ وَ مَنْ عَمِلَ لِدِينِهِ، كَفَاهُ اللَّهُ أَمْرَ دُنْيَاهُ؛ وَ مَنْ أَحْسَنَ فِيَما بَيْنَهُ وَ بَيْنَ اللَّهِ، أَحْسَنَ اللَّهُ مَا بَيْنَهُ وَ بَيْنَ النَّاسِ
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
जो अपने अंदरूनी हालात को सही रखता है अल्लाह ताला उसके ज़ाहीर को भी दुरुस्त कर देता है और जो दीन के लिए सक्रिय होता है
अल्लाह इसके दुनिया के कामों को पूरा कर देता है और जो अपने और अल्लाह के दरमियान अच्छे संबंध रखता है अल्लाह उसके और उसके बंदों के बीच सब कुछ ठीक कर देता है।
नहजुल बलाग़ा,हिक्म नं 423