हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,यूरोप और अमेरिका में स्टूडेंट की इस्लामी अंजुमनों की यूनियन के नाम हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई एक अहम संदेश दिया हैं।
पैगाम कुछ इस प्रकार है:
बिस्मिल्लाह अर्रहमान अर्रहीम
प्यारे स्टूडेंट्स!
आपकी मज़बूत व मशहूर यूनियन और उसकी सरगर्मियों का क्रम एक ख़ुशख़बरी देने वाली हक़ीक़त है। यह सामाजिक भागीदारी, अपने अंदाज़े के मुताबिक़, दुनिया के मौजूदा जटिल मुद्दों में अपना रोल अदा कर सकती है।
बड़े मुद्दों पर असर डालना, किसी भी तरह की तादाद से ज़्यादा, सरगर्म लोगों के जज़्बे, ईमान और आत्म विश्वास पर निर्भर होता है और अल्लाह की कृपा से यह मूल्यवान सम्पत्ति आप मोमिन और क्रांतिकारी ईरानी जवानों में मौजूद है और नज़र आती है।
आप अहम मुद्दों और नए पुराने घावों को पहचानते हैं। इनमें सबसे ताज़ा मसला ग़ज़ा की त्रासदी है कि जिसकी मिसाल नहीं मिलती; इनमें सबसे नुमायां मुद्दा पश्चिमी राजनेताओं और पश्चिमी सभ्यता की नैतिक, राजनैतिक व सामाजिक शिकस्त है,
इनमें सबसे ज़्यादा पाठ लेने योग्य विषय अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को निश्चित बनाने में लिबरल डेमोक्रेसी और उसके दावेदारों की अक्षमता और आर्थिक व सामाजिक इंसाफ़ के सिलसिले में उनकी घातक ख़ामोशी है जबकि योरोप और अमरीका में अवाम का प्रोटेस्ट ख़ास तौर पर स्टूडेंट्स के प्रोटेस्ट की हल्की लेकिन उम्मीद पैदा करने वाली किरन, इस वक़्त के अहम बदलाव में से एक है। पश्चिम एशिया के इलाक़े और हमारे प्यारे वतन को अनेक छोटे बड़े मुद्दों का सामना है।
ये सारी चीज़ें आपकी यूनियन जैसे मुबारक प्लेटफ़ार्म के लिए सोचने, काम करने और इनोवेटिव शैली अपनाने का मैदान है। मैं अल्लाह से जो अज़ीज़ व हकीम है, आपकी कामयाबी की दुआ करता हूं।
सैयद अली ख़ामेनेई
05/07/2024