हौज़ा न्यूज़ एजेंसी |
प्रश्न: हौज़ा/ यदि कोई महिला नमाज़ में अपनी आवाज़ बुलंद करती है जबकि कोई गैर-महरम सुन रहा है और उसकी आवाज़ सुंदर और आकर्षक है, तो क्या उस स्थिति में उसकी नमाज़ बातिल होगी?
उत्तर: यदि किसी महिला की आवाज़ इतनी नाजुक और सुंदर है कि वह किसी भी पुरुष के लिए वासना का स्रोत है, तो उसके लिए अपनी आवाज़ बुलंद करना जायज़ नहीं है ताकि गैर-पुरुष उसे सुन सकें, लेकिन उसकी नमाज बातिल नहीं होगी। मेरा तात्पर्य यह है कि यदि नमाज़ का खंडन किया गया तो वह अमान्य है।
आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली अल-हुसैनी अल-सिस्तानी मदज़िल्लोहुल आली