۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा / इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता हज़रत आयतुल्लाह सैय्यद अली ख़ामेनेई ने बे पर्दा महिला की तस्वीर देखने और टेलीविज़न में किसी महिला का चेहरा देखने से संबंधित पुछे गए सवाल का जवाब दिया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी | इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता हज़रत आयतुल्लाहिल उज्मा सैय्यद अली खामेनेई से पूछा गया शरई सवाल:

प्रश्न: बे पर्दा महिला की तस्वीर देखने का क्या हुक्म है? टेलीविज़न पर किसी महिला का चेहरा देखने का क्या हुक्म है? क्या एक मुस्लिम और एक गैर-मुस्लिम महिला के बीच कोई अंतर है? क्या लाइव छवि देखने और रिकॉर्डिंग के बीच कोई अंतर है?

उत्तर: गैर-महरम महिला की तस्वीर का आदेश उसे देखने के आदेश के समान नहीं है, इसलिए उक्त तस्वीर को देखने में कोई समस्या नहीं है, बशर्ते कि वह आनंद के लिए न हो और गुनाह मे पड़ने का कोई डर न हो और तस्वीर भी किसी ऐसी मुस्लिम महिला की न हो जिसे देखने वाला पहचानता हो। यह सावधान रहना अनिवार्य है कि किसी गैर-महरम महिला की तस्वीर को सीधे प्रसारित न किया जाए, लेकिन रिकॉर्ड किए जाने वाले टेलीविजन कार्यक्रमों में किसी महिला की तस्वीर देखने में कुछ भी गलत नहीं है, बशर्ते कि रबीया और गुनाह मे पड़नने का भय ना हो।

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