۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
ویژه برنامه نماز جماعت "نور چشم" به امامت نماینده ولی فقیه در خوزستان

हौज़ा/अगर इमाम ए जमआत शरई मसाइल से आगाही रखने वाला (जानकारी रखने वाला हो )और खुद कज़ा नमाज़ पढ़ाने के लिए आगे हुआ हो तो उसकी इक़्तेदा करने में कोई हर्ज नहीं हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं।जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।


सवाल: अगर कोई इमामे जमात नमाजे कज़ा पड़ रहा हो उस सूरत में कि जब मामूम को मालूम ना हो कि इमामे जमात यकीनी कजा नमाज पढ़ रहा है या नहीं तो क्या उसकी अदा की जा सकती है?

उत्तर: अगर इमाम ए जमआत शरई मसाइल से आगाही रखने वाला (जानकारी रखने वाला हो )और खुद नमाज़े कज़ा पढ़ाने के लिए आगे हुआ हो तो उसकी इकतेदा करने में कोई हर्ज नहीं हैं।

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