हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, शहीद मुक़ावमत सय्यद हसन नसरुल्लाह प्रतिरोध का एक बड़ा उदाहरण थे। दुनिया भर के मुसलमान, जिन्होंने अपने वफादार साथियों के साथ सर्वोच्च स्तर की शहादत प्राप्त की, इस संबंध में जम्मू-कश्मीर शरिया शिया एसोसिएशन के तहत बड़गाम के मरकज़ी इमाम बारगाह में एक मजलिस आयोजित की गई, जिसका आरम्भ हौज़ा इलमिया जामिया बाबुल-इलम के छात्रों द्वारा क़ुरआन खानी से हुआ।
हुज्जतुल-इस्लाम वाल-मुस्लेमीन आगा सैयद हसन मूसवी सफ़वी के अलावा, शहीद मुक़ावमत के इतिहास-निर्माण जीवन पर प्रकाश डालने वाले विद्वानों में हुज्जतुल-इस्लाम सय्यद मुहम्मद हुसैनी मूसवी तथा हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन स्यद मुहम्मद हुसैन सफवी सम्मिलित थे।
मजलिस के अंत में आगा साहब ने कहा कि मजलिस का आयोजन पूरी घाटी में जारी रहेगा और बुधवार को इमामबारगाह बडगाम में एक भव्य मजलिस तरहीम का आयोजन किया जाएगा।