हौज़ा न्यूज़ एजेंसी, श्रीनगर की रिपोर्ट के अनुसार, अंजुमन-ए-शरिया शिया द्वारा अय्यामे फ़ातिमया और मुक्तदर उलेमा हुज्जतुल-इस्लाम वल मुस्लेमीन आगा सय्यद मुहम्मद हुसैन मूसवी सफ़वी की बरसी के अवसर पर मजलिस का आयोज किया गया। जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल हुए।
पुराने इमाम बाड़ा हसनाबाद में मजलिस को संबोधित करते हुए अंजुमन-ए-शरिया शिया हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन के अध्यक्ष अका सय्यद हसन मूसवी सफ़वी ने फातिमा अल-ज़हरा (स) पैगंबर की बेटी की शहादत से संबंधित घटनाओं और त्रासदियों पर विस्तार से चर्चा की।
हुज्जतुल-इस्लाम सय्यद हसन सफ़वी ने कहा कि हज़रत फातिमा (स) की महानता का आधार केवल यह नहीं है कि वह पैग़म्बर (स) की बेटी थीं, न कि यह कि वह अली (अ) की पत्नी थीं और हसनैन (अ) जैसे युवाओं के नेताओं की मां थी बल्कि, फातिमा ज़हरा (स) का धन्य अस्तित्व स्वयं प्रकाश, मार्गदर्शन, दया और शाश्वत महानता का प्रतीक है।
उन्होंने आगे कहा कि सय्यदा फातिमा (स) ने एक दयालु माँ के साथ-साथ अपने नेक पिता की एक मिलनसार बेटी की भूमिका निभाई।
इस अवसर पर धर्म के प्रख्यात विद्वान हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन आगा सय्यद मुहम्मद हुसैन मुसवी सफ़वी को उनकी बरसी पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
हुज्जतुल-इस्लाम सय्यद हसन सफ़वी ने मृतक को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अंजुमन-ए-शरीया मृतक की इच्छा है। दिवंगत ने अशांत काल में संगठन को एकजुट और संगठित रखने में मौलिक भूमिका निभाई और उन्हें उनके क्रांतिकारी विचारों और कार्यों के लिए हमेशा याद किया जाएगा।