हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,हौज़ा ए इल्मिया के अनुसंधान विभाग के प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मक़ीमी हाजी ने एक प्रतिनिधि से बातचीत में कहा,जब हम क़ुरआन की आयतों का अध्ययन करते हैं तो यह समझ में आता है कि सत्य और असत्य का संघर्ष हमेशा जारी रहा है।
कुछ लोग अस्थायी सांसारिक फायदों की खातिर नबियों के खिलाफ खड़े हो गए और उनके हिदायत भरे संदेश को स्वीकार नहीं किया।
उन्होंने आगे कहा,नबियों का उद्देश्य एक हयात-ए-तैयबा की स्थापना करना था लेकिन कुछ लोग इस पवित्र जीवन के साथ नहीं चल सके और हमेशा नबियों के विरोधी बने रहे।
अनुसंधान विभाग के प्रमुख ने कहा,एक समूह जो यहूदियों में से था, हमेशा नबियों के विरोध में रहा और उसने कभी भी सत्य के संदेश का समर्थन नहीं किया। अल्लाह कुरान में कहता है:
«لَتَجِدَنَّ أَشَدَّ ٱلنَّاسِ عَدَٰوَةٗ لِّلَّذِینَ ءَامَنُواْ الیَهُودَ وَٱلَّذِینَ أَشرَکُواْۖ وَلَتَجِدَنَّ أَقرَبَهُم مَّوَدَّةٗ لِّلَّذِینَ ءَامَنُواْ ٱلَّذِینَ قَالُوٓاْ إِنَّا نَصَٰرَیٰ ذَٰلِکَ بِأَنَّ مِنهُم قِسِّیسِینَ وَرُهبَانٗا وَأَنَّهُم لَا یَستکبرُون؛
उन्होंने कहा,यह सिलसिला इतिहास में चलता रहा है और आज कुछ लोग यहूदीवादी सोच के साथ नबियों के मार्ग के विरोधियों के प्रतीक बने हुए हैं। उन्होंने इस्लामी भूमि के कई हिस्सों पर कब्जा कर लिया है और उन पर मालिकाना दावा कर रहे हैं जो किसी भी तरह से सही नहीं है।
हजरत ए इस्लाम वल मुस्लिमीन मक़ीमी हाजी ने कहा,सत्य और असत्य के बीच की लड़ाई दिन-ब-दिन और अधिक स्पष्ट होती जा रही है और यहूदीवादी राज्य अपनी नीच वास्तविकता को और अधिक उजागर कर रहा है।