۱۸ آبان ۱۴۰۳ |۶ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 8, 2024
आयतुल्लाह नूरी हमादानी

हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा नूरी हमदानी ने (जबल आमुल) नामक महान कॉन्फ्रेंस के अवसर पर अपने संदेश में कहा कि ईरान हमेशा प्रतिरोधी मोर्चे (मुक़ावेमत) के साथ खड़ा है और उसका समर्थन करता रहेगा ईरान की सशस्त्र सेनाएं पूरी ताकत के साथ इसराइल की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं और किसी भी आक्रामकता का कड़ा जवाब देगा।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार, हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा नूरी हमदानी ने "जबल आमुल" कॉन्फ्रेंस में शामिल उलमा और राजनीतिक एवं शैक्षिक हस्तियों को संबोधित करते हुए एक व्यापक संदेश दिया जिसमें उलमा के ऐतिहासिक महत्व और उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि इस्लाम के इतिहास में उलमा की भूमिका हमेशा से प्रमुख और प्रभावशाली रही है। एक धार्मिक, ईमानदार और संघर्षशील कारक वह होता है जिसने हमेशा धर्म की रक्षा की है विशेष रूप से जबल आमुल के उलमा का योगदान विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा है जिन्होंने शेख बहाई, शहीद अव्वल, शहीद सानी, मुहकिक करकी और अल्लामा अमीनी जैसी महान हस्तियों को जन्म दिया।

हज़रत आयतुल्लाह नूरी हमदानी ने कहा कि आज के दौर में हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद हसन नसरुल्लाह जैसे संघर्षशील आलिम ने प्रतिरोध (मुकावेमत) में एक नया अध्याय लिखा है, जिन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता और साहस के साथ इसराइल के बुरे इरादों को नाकाम किया और स्वतंत्रता प्रेमियों के लिए नई राहें खोलीं।

उन्होंने आगे कहा कि ईरान की सरकार और जनता प्रतिरोधी मोर्चे के साथ खड़ी हैं और अपनी सशस्त्र सेनाओं के माध्यम से इसराइल की सभी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं उन्होंने इस विश्वास का इज़हार किया कि रहबर ए मोज़्ज़म इंक़लाब की रहनुमाई में यह प्रतिरोधी मोर्चा विजय प्राप्त करेगा।

आयतुल्लाह नूरी हमदानी ने ग़ाज़ा, लेबनान, सीरिया, इराक और ईरान के सभी शहीदों विशेष रूप से सैयद ए मुकावमत सैयद हसन नसरुल्लाह और सैयद हाशिम सफीउद्दीन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इस कॉन्फ्रेंस के आयोजकों का भी धन्यवाद किया।

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