हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार, शहर क़ुम में आयतुल्लाह आराफी की उपस्थिति में शरई सवालों के जवाब के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर आधारित सॉफ़्टवेयर "मतिना" का अनावरण किया गया।
इस समारोह का आयोजन हौज़ा ए इल्मिया के कार्यालय में किया गया जिसमें धार्मिक और विद्वतापूर्ण हस्तियों ने भाग लिया।
प्रोजेक्ट की प्रमुख और तरबियत मुदर्रिस यूनिवर्सिटी की सदस्य आदरणीय सारा बोरबोर ने समारोह के दौरान बताया कि "मतिना" एक आधुनिक सॉफ़्टवेयर है जो शरई सवालों के जवाब के लिए छात्रों की मदद करेगा।
यह सॉफ़्टवेयर मराजे-ए-तकलीद के रिसाला-ए-अमलिया के अनुसार आधुनिक AI तकनीक के जरिए जानकारी प्रदान करता है और आम जनता को शरई मसलों में मार्गदर्शन देता है।
सारा बोरबोर ने आगे बताया कि "मतिना" सॉफ़्टवेयर मराजे-ए-तकलीद के फतवों को रोजमर्रा के मुद्दों के हल के लिए प्रभावी तरीके से आम लोगों तक पहुंचाने का एक माध्यम बनेगा।
उन्होंने इस उम्मीद का इज़हार किया कि "मतिना" छात्रों और धर्म-प्रचारकों के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत बनेगा ताकि वे शरई मसलों के जवाब अधिक प्रभावी सही और सरल तरीके से दे सकें।
समारोह में उपस्थित विद्वानों ने इस सॉफ़्टवेयर की उपयोगिता की सराहना करते हुए इसे आधुनिक युग में शरई समस्याओं के समाधान और इस संदर्भ में लोगों के मार्गदर्शन के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम करार दिया।