हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ऐक्सीपीडेंसी काउंसिल के सदस्य मोहसिन रजाई ने बीती रात कमांडरो, पूर्व सैनिको और शोहदा के परिवार की उपस्थिति मे दिफाअ मुक़द्दस मे आईआरजीसी के तोपखाने की भूमिका विषय पर एक बैठक मे कहाः सामेनुल आइम्मा नाम का अक्टूबर 1981 का पहला सफल आपरेशन था। जो दिसम्बर 1981 मे बारूद कम होने के कारण बंद करना पडा़।
ऐक्सीपीडेंसी काउंसिल के सदस्य ने पश्चिमी ऐशिया की स्थिति का ज़िक्र करते हुए कहाः यह युद्ध इस्लामी जगत के खिलाफ़ आतंकवाद के स्तर का युद्ध है और इसके महवर अमेरिका, इस्राईल और इंग्लैंड है जोकि एक बड़ी योजना की तलाश मे है।
अंत मे मोहसिन रज़ाई ने कहा ईरान युद्ध का विस्तार करने का प्रयास नही कर रहा है, लेकिन वह अपनी प्रतिरक्षा करेगा, और इजरायली शासन को चेताया कि वादा ए सादिक 3 पर अमल किया जाएगा।
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