۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
रहबर

हौज़ा/सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने एक फ़रमान जारी करके, हित संरक्षक काउंसिल (मसलहत काउंसिल) के नये टर्म के मेंबरों के नामों का एलान कर दिया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने एक फ़रमान जारी करके, हित संरक्षक काउंसिल (मसलहत काउंसिल) के नये टर्म के मेंबरों के नामों का एलान कर दिया हैं।
रहबरे इन्क़ेलाब का फ़रमान इस तरह हैं।
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
अल्लाह तआला के करम और हिदायत से मसलहत काउंसिल का नया दौर शुरु हो रहा है। यह काउंसिल, इस्लामी जुम्हूरिया में एक बेहद अहम और क़ानूनी इदारा है और इसके कांधों पर दो बुनियादी ज़िम्मेदारियां हैः पहली ज़िम्मेदारी, पार्लियामेंट और गार्जियन काउंसिल के बीच मतभेद के वक़्त मुल्क और सिस्टम के इन्ट्रेस्ट की निशानदेही करना है जिसके लिए मुल्क और कौम़ के हितों की पहचान करने वाली गहरी नज़र और मुल्क की सच्चाई के बारे में मालूमात बहुत ज़रूरी है और दूसरी ज़िम्मेदारी, मुल्क की जनरल पॉलिसियों के निर्धारण में ख़ास और असरदार रोल अदा करना है कि जो मुल्क को चलाने के लिए बेहद स्ट्रैटजिक फैसलों पर आधारित होती है। मुश्किलों का हल पेश करना और जनरल पॉलिसियों को लागू करने की निगरानी भी इस काउंसिल की ज़िम्मेदारियों में शामिल है जिससे इस क़ानूनी इदारे की अहमियत कई गुना बढ़ जाती है।
इस काउंसिल में अनुभवी विद्वानों और कई ओदहों पर काम कर चुकी हस्तियों की मौजूदगी और पिछले कामों से हासिल होने वाले तजुर्बे की वजह से इस इदारे की पोज़ीशन और भी अहम हो जाती है और इससे अपेक्षाएं भी बढ़ जाती हैं।
पिछले दौर के शुरुआती बयान में कुछ मांगें रखी गयी थीं जिन्हें पूरा न होने की वजह से फिर दोहराए जाने की ज़रूरत है जिनमें यह भी है कि पॉलिसियों को लागू किये जाने के सिस्टम को ठीक किया जाए और पॉलिसियों के असर और फ़ायदे के जायज़े के लिए एक सिस्टम तैयार किया जाए।
इसके साथ ही यह कि इस काउंसिल की तरफ़ से हितों की पहचान के काम में मज़बूती, पॉलिसियों से हर कमी को दूर करना और ज़रूरत होने पर उस पर फिर से ग़ौर करना, मुल्क के रिसर्च सेंटरों, यूनिवर्सिटियों और पढ़े-लिखे लोगों से संपर्क और काउंसिल की मीटिंग में मेंबरों की पांबदी से शिरकत भी उन चीज़ों में से है जिन पर ज़ोर दिया जाता है।
अब मैं पिछले दौर के मेंबंरों का शुक्रिया अदा करते हुए और उनकी मेहनत की क़द्रदानी करते हुए इस दुनिया से रुख़्सत हो जाने वाले मेंबंरों के लिए ख़ुदा की रहमत की दुआ करता हूं और पांच वर्षीय नवें दौर के मेंबरों के नामों का इस तरह से निर्धारण करता हूं,
काउंसिल के हेडः आयतुल्लाह जनाब शेख़ सादिक़ आमुली

ओहदेदार मेंबर
पार्लियामेंट, सरकार और जूडिशरी के प्रमुख, (काउंसिल के सिलसिले में) गार्जियन काउंसिल के फ़क़ीह, चीफ़ आफ आर्मी स्टाफ़, नेशनल सिक्योरेटी की सुप्रीम काउंसिल के सेक्रेटरी, जिस इदारे या मंत्रालय का मामला हो उसके चीफ़ या मिनिस्टर, जो मामला हो उससे मुतल्लिक़ पार्लियामेंट के कमीशन के हेड।

मेंबर:
हुज्जुतल इस्लाम जनाब शेख़ सानेई, हुज्जुतल इस्लाम जनाब क़ुरबान अली दुर्री नजफ़ाबादी, हुज्जुतल इस्लाम जनाब महमूद मुहम्मदी इराक़ी, हुज्जुतल इस्लाम जनाब मजीद अंसारी, हुज्जुतल इस्लाम जनाब ग़ुलाम रज़ा मिस्बाही मुक़द्दम और हुज्जुतल इस्लाम जनाब मोहसिन अराकी।

इसी तरह जनाब ग़ुलाम रज़ा आक़ाज़ादे, जनाब आक़ा मोहम्मदी, जनाब अली अकबर अहमदियान, जनाब महमूद अहमदी नेजाद, जनाब मोहम्मद जवाद ईरवानी, जनाब मुहम्मद रज़ा बाहुनर, जनाब अहमद तवक्कुली, जनाब सईद जलीली, जनाब ग़ुलाम अली हद्दाद आदिल, जनाब सैयद कमाल ख़र्राज़ी, जनाब दाऊद दानिश जाफ़री, जनाब परवेज़ दाऊदी, जनाब मोहम्मद बाक़िर ज़ुलक़ुद्स, जनाब मोहसिन रेज़ाई, जनाब सैयद मोहम्मद सद्र, जनाब मोहम्मद हुसैन सफ़्फ़ार हरंदी, जनाब मोहम्मद रज़ा आरिफ़, जनाब मोहम्मद फ़ुरुज़ंदे, जनाब अली कद ख़ुदाई, जनाब अली लारीजानी, जनाब हुसैन मोहम्मदी, जनाब मोहम्मद मुख़बिर, जनाब हुसैन मुज़फ़्फ़र, जनाब सैयद मुस्तफ़ा मीर सलीम, जनाब सैयद मुर्तुज़ा नबवी, जनाब अली अकबर विलायती, जनाब सादिक़ वाइज़ज़ादे और जनाब अहमद वहीदी।
मैं ख़ुदा से सभी मेंबरों की कामयाबी की दुआ करता हूं।

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