हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार, शहर यज़्द के इमाम जुमा आयतुल्लाह सैय्यद मोहम्मद काज़िम मदरसी ने यज़्द में प्रांतभर के बसीजी केंद्रों के कमांडरों के साथ आयोजित एक बैठक में कहा,इमाम खुमैनी (र.ह.) की खूबसूरत यादगारों में से एक बसीज की स्थापना है।
उन्होंने आगे कहा, हर देश की ताक़त के तत्वों में से एक उसका भौगोलिक स्थान होता है। अलहम्दुलिल्लाह, ईरान भी एक मज़बूत भौगोलिक स्थिति रखता है। यदि ईरान इस क्षेत्र में स्थित न होता तो यह प्रभाव और शक्ति पैदा नहीं कर सकता था।
शहर यज़्द के इमाम जुमा ने कहा,जब यह सवाल उठता है कि तूफ़ान अलअक़्सा क्यों हुआ और 7 अक्टूबर का परिणाम क्या था तो हमें इतिहास का संदर्भ लेना चाहिए।
उन्होंने कहा,यह सारी प्रतिरोध और कामयाबियां उस बसीजी सोच का परिणाम हैं जिसे इमाम खुमैनी (रहमतुल्लाह अलैह) ने पैदा किया और इसे अन्य क्षेत्रों में स्थानांतरित किया।
आयतुल्लाह मदरसी ने कहा,दुनिया में 57 इस्लामी देश हैं लेकिन एकमात्र देश जहां मज़हब-ए-जाफ़रिया का शासन है वह इस्लामी गणराज्य ईरान है क्योंकि यहां के लोग धर्म की खूबसूरती को अच्छी तरह समझते हैं।
उन्होंने आगे कहा, बसीज की एक अहम ज़िम्मेदारी यह है कि वह सांस्कृतिक क्षेत्र में प्रवेश कर अपनी क़दरों और खूबसूरती को दूसरों तक पहुंचाए।