हौज़ा न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट: हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मजीद मुन्तज़िर ज़ादेह क़ुम स्थित इमाम जाफ़र सादिक़ (अ.स) स्वतंत्र ब्रिगेड' के कमांडर ने क़ुम की जामेअतुल ज़हरा (स) में अबना-ए-ज़हरा (स) बसीजी और हज़रत ज़ैनब (स) बसीज छात्रों की यूनिट के उद्घाटन समारोह में कहा,हमारे इंक़लाब की बुनियाद बसीजी सोच और इंकलाबी जिहाद पर आधारित है, और दीनदार तालीमी इदारों को इस आंदोलन में सबसे आगे रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि चार दशकों के अनुभव ने यह साबित किया है कि जब भी हमारे निज़ाम की रीढ़ बसीज और उसकी सोच पर टिकी होती है, तो हमने बड़े-बड़े संकटों को पार किया है। आज भी यह ज़रूरी है कि तमाम धार्मिक मदरसों में छात्रों और उलेमा के लिए बसीज प्रतिरोध अड्डे बनाए और मज़बूत किए जाएं।
मुन्तज़िर ज़ादेह ने तलबा की इंकलाबी गतिविधियों में भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा,छात्र और उलेमा बसीजी सोच और जिहादी कार्यों में हमेशा सबसे आगे रहे हैं। हमें इन क्षमताओं को एक संगठित ढांचे में लाकर देश और निज़ाम की सेवा के लिए इस्तेमाल करना चाहिए।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि बसीजी छात्रों के लिए खास तालीमी (शैक्षिक) प्रोग्राम भी तैयार किए गए हैं जिनमें उनके अक़ीदे, इल्म और हुनर (कौशल) को मज़बूत किया जाएगा। यह प्रोग्राम सुप्रीम लीडर के निर्देश के मुताबिक़ लगातार आगे बढ़ाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा,बसीजी उलेमा को ज्ञान और रूहानियत दोनों में सबसे आगे होना चाहिए।
अंत में उन्होंने क़ुम प्रांत की बसीज तलबा यूनिट की कोशिशों की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि इस अड्डे का उद्घाटन हौज़ाओं में और ज़्यादा बसीजी यूनिट्स के विस्तार की शुरुआत बनेगा।
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