हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान की इस्लामिक क्रांति के सर्वोच्चन नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने आयतुल कुर्सी के संबंध मे पूछे गए सवाल का जवाब दिया है। जिसका जिक्र हम यहां शरई मसअलो में दिलचस्पी रखने वालों के लिए कर रहे हैं।
*ईरान की इस्लामिक क्रांति के नेता से पूछे गए सवाल और उनका उत्तर इस प्रकार है:
प्रश्न: जहां "आयतु-कुर्सी" पढ़ने का हुक्म है, उदाहरण के लिए नमाज़े वहशत कब्र, वहां आयतुल-कुर्सी को कहा तक पढ़ा जाना चाहिए, यानी "व होवल अलीयुल अज़ीम" तक या "हम फ़ीहा खालेदून" तक?
उत्तर: जहाँ भी आयतुल-कुर्सी को पढ़ने के लिए कहा जाता है, उसका अर्थ शुरू से लेकर "व होवल अलीयुल अज़ीम" तक होता है, सिवाय इसके कि कहीं-कहीं इसे "हम फ़ीहा खालेदून" तक पढ़ने के लिए निर्दिष्ट किया जाता है।