हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने नमाज़ के दौरान सलाम का जवाब देने से संबंधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया है। जो लोग शरई अहकाम मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए सवाल और उसके जवाब के पाठ को बयान कर रहे है।
सवाल: अगर कोई शख्स (सलामुन अलैकुम) के बजाए सलाम कहकर नमाज़ पढ़ने वाले व्यक्ति को सलाम करे तो क्या सलाम का जवाब देना वाजिब है? और जवाब का तरीका क्या होना चाहिए?
जवाब: अगर आम तौर पर इसे सलाम व तहय्यत कहा जाता है तो जवाब देना वाजिब है और एहतियात की बिना पर सलाम का जवाब इस तरह से दिया जाए कि सलाम शब्द पहले आए, उदाहरण के लिए "सलाम अलैकुम" । "अस-सलामो अलैकुम" और "अलैकुम सलाम" ना कहे।