हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामिक क्रांति के नेता हज़रत अयातुल्ला खामेनेई ने घर के ख़ुम्स के बारे में हुक्म बताया है जिसकी व्यक्ति को आवश्यकता है। जिसका जिक्र हम यहां शरई मसाइल में दिलचस्पी रखने वालों के लिए कर रहे हैं।
*इस मुद्दे के संबंध में इस्लामी क्रांति के नेता से पूछे गए प्रश्न और उनके उत्तर का पाठ इस प्रकार है:
सवाल: एक शख़्स ने अपनी ज़रूरतों के लिए एक मकान मुहैया किया लेकिन वह उसमें रह नहीं सकता या उसने कुछ समय के लिए इसे किराये पर दे लिया और फिर इसमें रहने से इनकार कर दिया और इसे बेच दिया और दायित्व यह है कि उस अवधि के दौरान उसका खुम्स का वर्ष भी बीत चुका हो, तो इस मामले में, इस घर के खुम्स पर क्या हुक्म है?
उत्तर: घर में रहना कोई शर्त नहीं है, शर्त केवल यह है कि वह घर किसी की जरूरत और शान के लिए उपयुक्त हो। खुम्स के साल के बाद भी वह खर्च में आएगा और उस पर कोई खुम्स नहीं है (भले ही वह बिक्री के बाद हो)।