हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामिक क्रांति के नेता हज़रत आयतुल्लाह खामेनेई ने बीमार भ्रूणों के गर्भपात से संबंधित सवाल का जवाब दिया है। जिसे हम यहां शरई मसाइल मे दिलचस्पी रखने वालों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।
इस मुद्दे के संबंध में इस्लामी क्रांति के नेता से पूछे गए प्रश्न और उनके उत्तर का पाठ इस प्रकार है:
प्रश्न: क्या भ्रूण में रोग की पहचान उसके गर्भपात को उचित ठहराता है और गर्भपात की स्थिति में उसकी दियत किसके जिम्मे होगी?
उत्तर: भ्रूण में रोग की पहचान मात्र उसके गर्भपात को उचित नहीं ठहरा सकता और न ही उसकी हुरमत को ख़त्म कर सकता है। लेकिन बहुत ही खास मामलों में और ऐसी बीमारी में जहां इस भ्रूण को रखना बहुत मुश्किल और शर्मिंदगी का कारण होता है। इस मामले में रुह आने से पहले ही गर्भपात की अनुमति है। लेकिन एहतियाते वाजिब यह है कि उसकी दियत भी अदा की जाए और दियत उसी पर होगा जो गर्भपात का काम करेगा।