۹ آذر ۱۴۰۳ |۲۷ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 29, 2024
अजमेर

हौज़ा / अजमेर की एक स्थानीय अदालत ने यहां शिव मंदिर होने का दावा करने वाली एक याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,  भारत देश में चल रहे फिरकापरस्ती और नफरत के खेल में अब मशहूर सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर भी शैतानों की नजर है क्योंकि अजमेर की स्थानीय अदालत ने यहां शिव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका स्वीकार कर ली है।

यह याचिका हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में दायर की थी। इसमें दावा किया गया है कि दरगाह स्थल पर स्थित महाकाल शिव मंदिर का पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए, जिससे हिंदुओं को यहां प्रवेश करने और पूजा करने की अनुमति मिल सके। याचिका में पुरातत्व विभाग से सर्वेक्षण की भी मांग की गई है। याचिका में हिंदू सेना अध्यक्ष ने 1910 में प्रकाशित हरविलास शारदा की किताब का जिक्र किया है और कहा है कि यह किताब दरगाह स्थल पर मंदिर के अस्तित्व का पुख्ता सबूत देती है। कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए इस मामले में पुरातत्व विभाग, राज्य अल्पसंख्यक विभाग और अजमेर दरगाह कमेटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .