हौज़ा न्यूज़ एजेंसी संयुक्त राष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के फोरम में बांग्लादेश ने दावा किया कि देश में अल्पसंख्यकों पर कोई संगठित हमला नहीं हुआ है और हिंदू नेताओं को विशिष्ट आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया है। बांग्लादेश के राजदूत तारिक मोहम्मद अरिफ इस्लाम ने स्पष्ट किया कि चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जबकि उन्हें राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। दास की गिरफ्तारी के बाद ढाका समेत विभिन्न शहरों में हिंदू समुदाय ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया।
बांग्लादेशी राजदूत ने कहा कि देश में प्रत्येक नागरिक को अपने धर्म पर आचरण करने और स्वतंत्र रूप से विचार व्यक्त करने का अधिकार प्राप्त है, और अल्पसंख्यक समुदाय सहित सभी नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षण बांग्लादेश सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेशी सरकार हमेशा धार्मिक समरसता बनाए रखने और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए सतर्क रहती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों को लेकर आधारहीन और गलत जानकारी फैलाई गई है, जिनका असलियत से कोई संबंध नहीं है।
दूसरी ओर, भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के संरक्षण को लेकर अपनी चिंता जताई और बांग्लादेश से यह सुनिश्चित करने को कहा कि वह अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा करे। बांग्लादेश ने भी भारत से अपील की कि वह अपने देश में सभी कूटनीतिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, खासकर कोलकाता में डिप्टी हाई कमिशन में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद।