हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हज़रत इमाम महदी (अ) के धन्य जन्म के अवसर पर इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ़ नजफ़ अशरफ़ द्वारा एक भव्य उत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के चांसलर, शिक्षक, छात्र एवं कवियों ने भाग लिया।
समारोह को इस्लामिक यूनिवर्सिटी के संस्थापक और इमाम जुमा नजफ अशरफ हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन सैयद सदरुद्दीन कबानची ने संबोधित किया।
उन्होंने इमाम मुंतज़र अज्जल अल्लाह तआला अल-फ़रजा अल-शरीफ़ के ज़हूर को शिया-सुन्नी दृष्टिकोण से एक निर्विवाद तथ्य बताया और कहा कि शिया और सुन्नी किताबों में इस्लाम के पैगंबर के हवाले से कहा गया है कि पुनरुत्थान का दिन तब तक नहीं आएगा जब तक एक व्यक्ति मेरी इतरत से क़याम नहीं करेगा और उत्पीड़न और अत्याचार से भरी भूमि को न्याय से नहीं भर देगा।
इमाम जुमा नजफ अशरफ ने इराक में धार्मिक अनुष्ठानों को बढ़ावा देने की सराहना करते हुए इस्लामिक यूनिवर्सिटी के प्रयासों की सराहना की।
हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन सैयद सदरूद्दीन कबांची ने अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की यह बात उद्धृत करते हुए कहा कि शादी मेरी सुन्नत है और जो कोई इससे विमुख होता है वह मुझसे नहीं है, उन्होंने कहा कि युवा लड़के और लड़कियाो से अनुरोध है कि वह समय पर विवाह के बंधन मे बधे ताकि समाज मे पाप कम हो।