हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, आयतुल्लाहिल उज़्मा नासिर मकारिम शिराज़ी ने "शिक्षक का अपने छात्रों को दंडित करने!" के संबंध मे एक सवाल का जवाब दिया गया है। जिसे शरई मसाइल मे रुचि रखने वाले पाठकों के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है।
*शिक्षक का अपने छात्र का सजा देना!
प्रश्न: मैं एक शिक्षक हूं और कभी-कभी मुझे लगता है कि छात्रों को ज्ञान या साहित्य सीखने के लिए दंडित करना आवश्यक है, अन्यथा वे कक्षा में बाधा डालेंगे। क्या मैं उन्हें इस उद्देश्य के लिए दंडित कर सकता हूँ?
उत्तर: छात्रों को शारीरिक दंड देना जायज़ नहीं है, सिवाय इसके कि जब यह उनके प्रशिक्षण के लिए आवश्यक हो, और वली (अभिभावक) की अनुमति से हो, और इस तरह से नहीं कि शरीर घायल हो या चोट लगे। मौजूदा स्थिति में चूंकि इसके नकारात्मक प्रभाव अधिक हैं, इसलिए जितना हो सके इससे बचना ही बेहतर है।
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