हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, हज़रत आयतुल्लाह सय्यद अली सिस्तानी ने "महरम के साथ चैटिंग करने" के बारे में एक प्रश्न का उत्तर दिया है। जिसे शरई मसाइल मे रूचि रखने वालो के लिए प्रश्न और उत्तर का पाठ प्रस्तुत किया जा रहा है।
* महरम के साथ चैटिंग करना
प्रश्न: क्या किसी महिला के लिए अपने पति या पिता को पता चले बिना इंटरनेट पर किसी व्यक्ति (किसी से भी) के साथ चैट करना या पत्र-व्यवहार करना जायज़ है और इसी तरह लड़कों के लिए भी लड़कियों के साथ चैटिंग करना जायज़ है?
जवाब: बिस्मेही ता'आला
जिन मामलों में किसी महिला के लिए किसी पराये मर्द से सीधे संपर्क करना जायज़ नहीं है, उनमें पत्र-व्यवहार और चैटिंग के ज़रिए भी बिना भेद-भाव के जायज़ नहीं है और उसे ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जिससे उसके पति या पिता को शक हो बल्कि कभी-कभी कुछ मामलों में ऐसे कार्य हराम हो जाते हैं, जैसे कि पत्नी के किसी कार्य से बुद्धिमान लोगों की नजर में पति पर संदेह होता है, और वह ऐसा इस तरह से करता है कि वह कार्य शब्दों की नकारात्मक गिनती हो। ऐसा होता है कि जिसका अपवाद पति की खातिर पत्नी पर वाजिब है।
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