शुक्रवार 3 जनवरी 2025 - 09:41
शरई अहकाम । पत्नी और बच्चों से झूठ बोलने का हुक्म 

हौज़ा | किसी भी मामले में और किसी के द्वारा भी झूठ बोलना, चाहे वह बच्चा हो या पत्नी या कोई भी व्यक्ति, हराम और पाप है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

प्रश्न: पत्नी और बच्चों से झूठ बोलने के बारे में क्या हुक्म है?

केवल और केवल आवश्यक एवं अनिवार्य होने पर ही बोलने में कोई हर्ज नहीं है।

आयतुल्लाह अज़मा बेहजात वा तबरीज़ी: किसी भी मामले में और किसी से भी झूठ बोलना वर्जित और पाप है, चाहे वह बच्चा हो या पत्नी या कोई व्यक्ति।

आयतुल्लाहिल उज़्मा वहीद और सिस्तानी: एहतीयात वाजिब की बिना पर झूठ न बोलना ही बेहतर है।

स्रोत: इमाम ख़ुमैनी, इस्तिफ़ायत, खंड 2, पृष्ठ 617; सिस्तानी, सुफ़्तातायट, साइट: http://www.sistani.org/persian/qa/0903; मकारेम, साइट: http://makarem.ir/Question/ViewQuestion.aspx?lid=0&mid=236&CatID=-2&GID=-2

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha