शुक्रवार 17 जनवरी 2025 - 13:57
बच्चों के हत्यारे इस्राईल की शर्मनाक हार ने फ़िलस्तीन की प्रतिरोधी शाखाओं की शक्ति को दुनिया के सामने उजागर कर दिया

हौज़ा / हमास समेत अन्य प्रतिरोधी गुटों को खत्म करने का लगातार दावा करने वाली और मासूम बच्चों की हत्यारी इस्राईली घुसपैठी सरकार को इन प्रतिरोधी गुटों ने एक बड़ी और शर्मनाक हार दी है, जहां इस्राईलीयो को फ़िलिस्तीन में अपने किसी भी घृणित लक्ष्य को प्राप्त किए बिना मुंह की खानी पड़ी और दुनिया ने प्रतिरोधी ताकतों की शक्ति को समझ लिया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट अनुसार, हौज़ा इल्मीया के सरपरस्त आयतुल्लाह अली रज़ा आराफ़ी ने फ़िलिस्तीन में युद्धविराम की घोषणा पर अपने एक संदेश में मासूम बच्चों के हत्यारे इस्राईली घुसपैठियों के खिलाफ़ फ़िलस्तीनी प्रतिरोधी गुटों की शानदार जीत का ज़िक्र किया और उन्हें बधाई दी। उनके संदेश का पाठ कुछ इस प्रकार है:

" وَبَشِّرِ الْمُؤْمِنِينَ بِأَنَّ لَهُم مِّنَ اللَّهِ فَضْلًا كَبِيرًا  व बश्शेरिस साबेरीना बेअन्ना लहुम मेनल्लाहे फज़लन कबीरा (अहज़ाब 47)

अनुवादः और मोमिनों को खुशखबरी दे दो कि उनके लिए अल्लाह की तरफ से बहुत बड़ा इनाम है।" 

फ़िलस्तीनी प्रतिरोधी गुटों की ओर से सम्मानजनक और सफल युद्धविराम की खबर, प्रतिरोधी मोर्चे, सभी मुसलमानों और दुनिया भर के स्वतंत्रता प्रेमियों के लिए खुशी और गर्व का कारण बनी।

बच्चों के हत्यारे इस्राईली शासन को फ़लस्तीनी प्रतिरोधी गुटों, खासकर हिज़बुल्लाह जैसे बहादुर आंदोलनों के हाथों शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। जहां इस्राईली हमेशा इन गुटों के ख़त्म होने की धमकियाँ देते थे, वही अब अपनी नापाक मंशाओं में विफल रहने के बाद पूरी दुनिया ने प्रतिरोधी ताकतों की शक्ति को भी मान लिया।

यह महान सफलता ग़ज़्ज़ा के नागरिकों के धैर्य, फ़िलिस्तीन, लेबनान, यमन, इराक समेत सभी प्रतिरोधी मोर्चों के मुजाहिदीन की बहादुरी और शहीदों के पाक खून का परिणाम है, जो "तूफ़ान अल-अक़्सा" की सफल कार्यवाहियों का सिलसिला है।

अंतर्राष्ट्रीय अपराधों के केंद्र, अमेरिका और कुछ अन्य बेहया पश्चिमी देशों के समर्थन और इस्राईली शासन की संरक्षा में पिछले लगभग 465 दिनों के दौरान ग़ज़ा के निहत्थे नागरिकों, मासूम महिलाओं और बच्चों को खून मे नहलाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की गई। इस दौरान उन्होंने अपनी घृणित और नापाक सूरत को दुनिया के सामने और भी ज़्यादा बेनकाब किया।

यह अत्याचारी शासन यह साबित कर चुका है कि वह अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए किसी भी खतरनाक कदम को उठा सकता है, लेकिन वह हमेशा की तरह इस बार भी फ़लस्तीनी मुसलमानों की इस बड़ी जीत के नतीजों को मद्धम करने में नाकाम रहेगा।

यह महान सफलता अल्लाह की मदद से है, जैसा कि सुप्नीम लीडर ने भी कहा था कि प्रतिरोध ज़िंदा है और निश्चित रूप से विजय प्रतिरोधी मोर्चे की ही होगी। इस्लामी शिक्षाओं की रोशनी में यह संघर्ष क़ुद्स शरीफ़ की आज़ादी, हक़ के पूर्ण प्रभुत्व और महदी (अ) की वैश्विक हुकूमत के क़ायम होने तक जारी रहेगा।

अल्लाह का सलाम और दुआ हो हिज़बुल्लाह के बहादुर मुजाहिदीन, यमन के अन्सारुल्लाह, इराक के प्रतिरोधी गुटों और प्रतिरोधी मोर्चे के सभी शहीदों, खासकर शहीद याह्या सिनवार, इस्माईल हनिया, शहीद सय्यद हसन नसरुल्लाह, शहीद सय्यद इब्राहीम रईसी और शहीद हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान पर, जिनकी कोशिशें इस बड़ी जीत का हिस्सा हैं और यकीनन उनकी पाक रूहें इस सफलता पर जन्नत में खुश होंगी।

मैं हौज़ा इल्मीया और शिया उलमा की तरफ से इस महान सफलता पर दुनिया भर के स्वतंत्रता प्रेमियों, फ़िलस्तीनी प्रतिरोधी गुटों और क्षेत्र के सभी लोगों को बधाई देता हूँ और अल्लाह से दुआ करता हूँ कि यह जीत जल्द ही इस्राईली शासन के पूर्ण ख़ात्मे का कारण बने, जो इंशा अल्लाह निकट है। "إِنَّهُمْ يَرَوْنَهُ بَعِيدًا وَنَرَاهُ قَرِيبًا (المعراج: ۶-۷) इन्नहुम यरौनहू बईदन व नराहो करीबा अर्थात वे उसे दूर समझते हैं, लेकिन हम उसे नज़दीक देखते हैं।" (अल-मेराज: 6-7)

अली रज़ा आराफ़ी

 हौज़ा इल्मिया के प्रमुख

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