۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
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हौज़ा / हरम ए मुत्तहर हज़रत मासूमा स.ल. के मुतवल्ली ने कहा, कर्तव्यों की अदायगी में धैर्य और सहनशीलता जीत की बुनियाद बनती है डॉ. क़ालीबाफ का वर्तमान परिस्थितियों में बेरूत जाना और प्रतिरोधी मोर्चे का समर्थन करना एक साहसिक और सराहनीय क़दम था।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हरम ए मुत्तहर हज़रत मासूमा स.ल. के मुतवल्ली ने कहा, कर्तव्यों की अदायगी में धैर्य और सहनशीलता जीत की बुनियाद बनती है डॉ. क़ालीबाफ का वर्तमान परिस्थितियों में बेरूत जाना और प्रतिरोधी मोर्चे का समर्थन करना एक साहसिक और सराहनीय क़दम था।

आयतुल्लाह सैयद मोहम्मद सईदी ने कहा,हज़रत मासूमा सलामुल्लाह अलैहा का इमामजादों में एक खास मक़ाम है आप सलामुल्लाह अलैहा (मोहाजिर इलल्लाह)होने के साथ-साथ (मुजाहिदा फी सबीलिल्लाह)भी थीं।

उन्होंने कहा,उम्मत ए इस्लामिया की जीत निश्चित है, लेकिन कभी-कभी यह जीत कुछ देर से आती है, जिसमें इलाही हिकमत छिपी होती है इन्हीं हिकमतों में से एक, पर्दे के पीछे छिपे ऐसे दुश्मनों की पहचान है, जो खुद को मुसलमानों का दोस्त दिखाते हैं जबकि असल में वो पर्दे के पीछे ग़ासिब इसरायली हुकूमत से मिले होते हैं।

आयतुल्लाह सैयद मोहम्मद सईदी ने कहा,जिहाद के रास्ते में दृढ़ता और निरंतरता हक के मोर्चे को बातिल पर जीत दिलाएगी और यह अल्लाह का पक्का वादा है इमाम-ए-जुमआ क़ुम ने आगे कहा,फ़र्ज़ की अदायगी में धैर्य और सहनशीलता जीत की बुनियाद बनती है।

उन्होंने ईरान की मजलिस-ए-शूरा के स्पीकर के बहादुराना क़दम का ज़िक्र करते हुए कहा,डॉक्टर क़ालीबाफ का मौजूदा हालात में बेरूत जाना और प्रतिरोधी मोर्चे का समर्थन करना एक साहसिक और सराहनीय क़दम था इसने लोगों के दिलों को छू लिया और मोमिनीन की ख़ुशी का कारण बना।

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