शनिवार 18 जनवरी 2025 - 23:39
फ़िलीस्तीनीयो की दृढ़ता दुनिया के मज़लूम लोगो के लिए उदाहरण हैः मौलाना तक़ी आग़ा

हौज़ा /साउथ इंडिया शिया उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना सैयद तक़ी आगा ने कहा कि फिलिस्तीन के लोगों की मज़बूती और बहादुरी से की गई जद्दोजहद ने दुनिया की साम्राज्यवादी ताकतों के सामने एक बेहतरीन मिसाल कायम की है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, साउथ इंडिया शिया उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना सैयद तक़ी आगा ने कहा कि फिलिस्तीन के लोगों की मज़बूती और बहादुरी से की गई जद्दोजहद ने दुनिया की साम्राज्यवादी ताकतों के सामने एक बेहतरीन मिसाल कायम की है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है जब ग़ज़ा के लोगों ने अपनी ज़मीन का बचाव करते हुए न केवल इज़राइल और उसके सहयोगियों को पराजित किया, बल्कि साम्राज्यवादी ताकतों के घमंड को भी मिट्टी में मिला दिया।

मौलाना तक़ी आगा ने कहा कि ग़ज़ा के लोगों की यह कामयाबी केवल एक सैन्य जीत नहीं है, बल्कि यह एक नैतिक और आध्यात्मिक विजय है, जो उनके साहस, संकल्प और मज़बूती को दर्शाती है। उनकी कुर्बानियों का जज़्बा दुनिया के हर मज़लूम को यह पैग़ाम देता है कि हौसले और इरादे के बल पर किसी भी ताकत को हराया जा सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि ग़ज़ा के लोगों ने अपनी ज़मीन की रक्षा के लिए जो कुर्बानियां दीं, उनमें बच्चों, महिलाओं और युवाओं की कुर्बानियां भी शामिल हैं। ये कुर्बानियां केवल ग़ज़ा तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि इनका प्रभाव पूरे इस्लामी जगत पर पड़ा है। ग़ज़ा के मुजाहिदीन ने इज़राइल को ऐसी हार दी कि उसका घमंड चकनाचूर हो गया।

मौलाना ने कहा कि आज ग़ज़ा के लोगों का हौसला बुलंद है और उनका आत्मविश्वास नई ऊंचाइयों पर पहुंच चुका है। उनकी जीत ने इज़राइल और उसके सहयोगियों को पंगु बना दिया है। उन्होंने कुरआन की एक आयत का हवाला देते हुए कहा: "इन्नल्लज़ीना क़ालू रब्बुनल्लाहु सुम्मास्तक़ामू ततनज्ज़लु अलैहिमुल मला'इक़ा" यानी जो लोग अल्लाह पर ईमान लाते हैं और मज़बूती से डटे रहते हैं, अल्लाह उनकी मदद के लिए अपने फरिश्ते भेजता है।

मौलाना सैयद तक़ी आगा ने प्रतिरोधी मोर्चे (मुकावमत) के सभी देशों, विशेषकर लेबनान, यमन, इराक़ और इस्लामी गणराज्य ईरान के लोगों के संघर्ष और कुर्बानियों के लिए उनका शुक्रिया अदा किया। उन्होंने रहबर-ए-मुअज्ज़म, आयतुल्लाह सय्यद अली खामेनेई की नेतृत्व क्षमता को सराहा और कहा कि उनकी रहनुमाई में प्रतिरोधी मोर्चे ने इज़राइल के घमंड को तोड़ दिया है।

उन्होंने उम्मीद जताई कि इज़राइल का नामो-निशान हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों से मिट जाएगा, और यह भविष्यवाणी आज हकीकत में बदलती नज़र आ रही है।

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