रविवार 2 फ़रवरी 2025 - 13:07
हौज़ा ए इल्मिया हर मैदान में अहम भूमिका निभाता है

हौज़ा / ईरान के हौज़ा ए इल्मिया के प्रमुख आयतुल्लाह अली रज़ा आराफी ने हौज़ा ए इल्मिया हज़रत अली बिन मूसा रज़ा अ.स. में अपने भाषण में कहा कि हौज़ा इल्मिया हमेशा से समाजी और सियासी मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता आया है और यह कभी किसी विशेष क्षेत्र या वर्ग तक सीमित नहीं रहा है। इस्लामी क्रांति की बरकत से हौज़ा के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काम करने के अवसर बढ़े हैं जिस पर ध्यान देना ज़रूरी है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,ईरान के हौज़ा ए इल्मिया के प्रमुख आयतुल्लाह अली रज़ा आराफी ने हौज़ा ए इल्मिया हज़रत अली बिन मूसा रज़ा अ.स. में अपने भाषण में कहा कि हौज़ा इल्मिया हमेशा से समाजी और सियासी मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता आया है और यह कभी किसी विशेष क्षेत्र या वर्ग तक सीमित नहीं रहा है। इस्लामी क्रांति की बरकत से हौज़ा के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काम करने के अवसर बढ़े हैं जिस पर ध्यान देना ज़रूरी है।

आयतुल्लाह आराफ़ी ने कहा कि महीने-ए-शाबान, महीने-ए-रजब की तरह एक आत्मिक और मलाकूत से जुड़ी हुई सच्चाई रखते हैं। इन महीनों में इबादत और मिन्नत के माध्यम से आत्मिक मंज़िलों को प्राप्त करना संभव है, और दुआ के जरिए इंसान अपनी अंदरूनी रुकावटों को दूर कर सकता है। मिन्नत-ए-शाबानिया इलाही ज्ञान और आत्म-परिचय का सबसे अच्छा ज़रिया है।

आयतुल्लाह आराफ़ी ने कहा कि हौज़ा इल्मिया एक पुराना और मजबूत शैक्षिक केंद्र है, जिसने इतिहास के उतार-चढ़ाव के बावजूद अपनी अहमियत को बनाए रखा है उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे हौज़ा की इतिहास का अध्ययन करें ताकि उन्हें इसके शैक्षिक और विचारधारात्मक प्रभाव का सही अंदाजा हो सके।

उन्होंने इस्लामी क्रांति को एक अद्वितीय ऐतिहासिक घटना बताया और कहा कि इसके फल और सफलताओं को आम लोगों खासकर युवा पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी है।उन्होंने आगे कहा कि हौज़ा इलमिया इस्लामी व्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ है जो हमेशा धार्मिक और शैक्षिक विकास में अग्रणी रहा है।

आखिर में आयतुल्लाह आराफ़ी ने शेख मफीद और आलिम अलमजलसी जैसे महान हस्तियों की सेवाओं को सराहा और कहा कि अतीत में हौज़ा इलमिया ने ऐसे महान उलेमाओं को जन्म दिया है जिन्होंने इस्लामी विज्ञानों को बढ़ावा दिया।

आज भी हौज़ा इल्मिया को अपनी शैक्षिक परंपराओं को बनाए रखते हुए नए ज़रूरतों के मुताबिक खुद को ढालना होगा, ताकि वह भविष्य में भी अपनी प्रभावशाली भूमिका अदा कर सके।

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