हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,ग़ाज़ा पट्टी में फ़िलिस्तीनी नागरिकों ने सड़कों पर उतरकर यहाँ की आबादी को मिस्र और जॉर्डन भेजने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव का विरोध किया और विभिन्न शहरों में अभी तक विरोध प्रदर्शन जारी है।
प्रदर्शनकारी फ़िलिस्तीनी और मिस्री झंडे लहराते हुए ग़ाज़ा पट्टी के मध्य स्थित अल-सराया चौक और देइर अल-बलाह में एकत्र हुए।मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़त्ताह अलसीसी की तस्वीरों वाले बड़े-बड़े बैनरों पर लिखा था मिस्र हमेशा फ़िलिस्तीनी मुद्दे का सच्चा समर्थक और रक्षक बना रहेगा और अपने लोगों के विस्थापन को कभी स्वीकार नहीं करेगा।
परिजनों और नेताओं की ओर से जारी एक बयान में प्रदर्शनकारियों ने फ़िलिस्तीनियों को उनकी ज़मीन से बेदखल करने के उद्देश्य से किसी भी योजना या क़दम को खारिज कर दिया। बयान में कहा गया फ़िलिस्तीन हमारा वास्तविक वतन है और हम किसी को भी इसे कमज़ोर करने की इजाज़त नहीं देंगे।
बयान में फ़िलिस्तीनियों से अपने अधिकारों को कमज़ोर करने की किसी भी कोशिश के ख़िलाफ़ एकजुट रहने अपनी ज़मीन पर डटे रहने और वापसी तथा आज़ादी के अपने अधिकारों को लेकर प्रतिबद्ध रहने की अपील की गई।
बयान में यह भी कहा गया हम अपने फ़िलिस्तीनी पहचान को ख़तरे में डालने या अपनी इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने की किसी भी कोशिश को स्वीकार नहीं करेंगे।
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