हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "सवाबुल आमाल" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول اللہ صلی اللہ علیه وآله:
مَن أحيا لَيلةَ العِيدِ و لَيلةَ النِّصفِ مِن شَعبانَ، لَم يَمُتْ قَلبُهُ يَومَ تَموتُ القُلوبُ
पैग़म्बर (स) ने फ़रमाया:
जो व्यक्ति ईद उल फ़ित्र और ईदे क़ुर्बान की रात और 15 शाबान की रात को इबादत की हालत में जागते हुए बिताएगा, उसका दिल उस दिन मुरदा नहीं होगा जिस दिन दिल मुर्दा हो जाएंगे।
सवाबुल आमाल: 2 / 102 / 1
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