हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलकाफी" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادقعلیه السلام
التَّقدیرُ فی لَیلَةِ تِسعَ عَشرَةَ و الإبرامُ فی لَیلَةِ إحدی و عِشرینَ و الإمضاءُ فی لَیلَةِ ثلاثَ و عِشرینَ.
हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
उन्नीसवीं शब में तक़दीर लिखी जाती है,इक्कीसवीं रात में इसकी दोबारा पुष्टि की जाती है,तेईसवीं रात में इस पर दस्तख़त और मुहर लगाई जाती है।
काफी, भाग 4, पेज 159
 
             
                 
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        
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