हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,फ़िलिस्तीन के इस्लामी जेहाद संगठन के महासचिव ज़्याद अन्नख़ाला और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार 18 फ़रवरी 2025 की शाम को तेहरान में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से मुलाकात की।
इस मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने ग़ज़ा में रेज़िस्टेंस की कामयाबी पर मुबारकबाद पेश की और बल दिया कि फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस के नेताओं और जियालों के दुश्मन के मुक़ाबले में एकता और दृढ़ता बनाए रखने के कारनामे और वार्ता की जटिल प्रक्रिया को आगे ले जाने और अवाम के धैर्य और दृढ़ता से, क्षेत्र में रेज़िस्टेंस कामयाब हुआ।
उन्होंने ज़ायोनी और अमरीकी दुश्मनों के मुक़ाबले में इस्लामी रेज़िस्टेंस और ग़ज़ा के अवाम की फ़तह को बहुत ही महान बताया और कहा कि इस फ़तह से रेज़िस्टेंस के संघर्ष में एक नया पाठ्यक्रम वजूद में आया है।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने ग़ज़ा सहित फ़िलिस्तीन के संबंध में अमरीकियों या कुछ दूसरों की मूर्खतापूर्ण योजनाओं की ओर इशारा किया और कहा कि ये योजनाएं कामयाब नहीं होंगी और जिस तरह वे लोग जो डेढ़ साल पहले थोड़े समय में रेज़िस्टेंस को मिटाने का दावा कर रहे थे, आज रेज़िस्टेंस के जियालों की ओर से कम कम तादाद में उनके क़ैदियों की रिहाई के बदले में ज़्यादा तादाद में फ़िलिस्तीनी क़ैदियों को रिहा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ज़ायोनी क़ैदियों को हवाले करने में रेज़िस्टेंस का अंदाज़, दुनिया वालों की आँखों के सामने रेज़िस्टेंस की महानता के साक्षात रूप को पेश करता है। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने कहा कि आज दुनिया में जनमत फ़िलिस्तीन के हित में है और इस स्थिति में कोई भी योजना रेज़िस्टेंस और ग़ज़ा के अवाम की मर्ज़ी के बिना अंजाम को नहीं पहुंचेगी।
इस मुलाक़ात में फ़िलिस्तीन के इस्लामी जेहाद संगठन के महासचिव ज़्याद अन्नख़ाला ने ग़ज़ा में रेज़िस्टेंस की बड़ी फ़तह पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता को बधाई पेश की और इसे इस्लामी गणराज्य के निरंतर सपोर्ट और शहीद हसन नसरुल्लाह के दिशा निर्देश का ऋणी बताया।
उन्होंने कहा कि फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस पिछले डेढ़ साल में हक़ीक़त में अमरीका और पश्चिम से लड़ रहा था और ताक़त का संतुलन न होने का बावजूद भी फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस बड़ी फ़तह हासिल कर सका।
फ़िलिस्तीन के इस्लामी जेहाद संगठन के महासचिव ने जंग के मैदान और राजनीति के क्षेत्र में फ़िलिस्तीनी और लेबनानी रेज़िस्टेंस की एकता और समरस्ता को ग़ज़ा की फ़तह के प्रभावी तत्वों में गिनाया और ग़ज़ा तथा वेस्ट बैंक के ताज़ा हालात और वार्ता प्रक्रिया और इसमें हासिल हुयी सहमति से संबंधित एक रिपोर्ट पेश। ज़्याद अन्नख़ाला ने बल दिया कि हम कभी भी रेज़िस्टेंस को नहीं भूलेंगे और रेज़िस्टेंस के सिपाही के तौर पर इसी रास्ते को जारी रखेंगे।
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