शनिवार 22 फ़रवरी 2025 - 11:14
लोगों की ज़िंदगियों को जहन्नम बनाकर जन्नत नहीं मिल सकती

हौज़ा / शिया उलेमा काउंसिल ऑस्ट्रेलिया के अध्यक्ष ने कहा कि जिस्म की सेहत से ज़्यादा रूह की सेहत का ख्याल रखना ज़रूरी है क्योंकि वही अमल क़बूल होता है जिसमें तक़वा शामिल हो लोगों के हक़ को पामाल करने वाला न ही आबिद है और न ही मुत्तक़ी हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, मुंबई / 21 फरवरी 2025 हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना सैयद अबुल क़ासिम रिज़वी इमाम ए जुमआ मेलबर्न व अध्यक्ष, शिया उलेमा काउंसिल ऑस्ट्रेलिया ने अपने भारत दौरे के दौरान बैतुल हम्द सारुल्लाह एजुकेशन कॉम्प्लेक्स, मुंब्रा, ठाणे में जुमे की नमाज़ के खुतबे के दौरान खिताब करते हुए कहा कि हक़ीक़ी कामयाबी और निजात का रास्ता दूसरों के हक़ अदा करने और तक़वा अपनाने में छिपा है।

उन्होंने कहा कि जिस्म की सेहत से ज़्यादा रूह की सेहत का ख्याल रखना ज़रूरी है क्योंकि वही अमल क़बूल होता है जिसमें तक़वा शामिल हो लोगों के हक़ को पामाल करने वाला न आबिद है और न ही मुत्तक़ी है।

मौलाना सय्यद अबुल क़ासिम रिज़वी ने आगे कहा,लोगों की ज़िंदगियों को जहन्नम बनाकर जन्नत नहीं मिल सकती फरिश्ता बनने की कोशिश मत करो, बल्कि एक अच्छा इंसान बनने की कोशिश करो क्योंकि जिब्राईल अलैहिस्सलाम की भी यह तमन्ना थी कि काश वह इंसान होते।

इसके बाद उन्होंने पैग़ंबर-ए-इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा स.ल.व. की एक हदीस बयान की जिसमें आपने अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली अलैहिस्सलाम से फ़रमाया,ऐ अली! सात खूबियों की वजह से जिब्राईल अलैहिस्सलाम ने तमन्ना की कि काश वे भी इंसान होते,नमाज़े जमाअत,उलेमा की हमनशीनी,दो व्यक्तियों के बीच सुलह कराना यतीम अनाथ का सम्मान,बीमार की अयादत,जनाज़े में शिरकत,हज के दौरान हाजियों को पानी पिलाना,तो ऐ अली! तुम भी इनकी अंजामदेही के लिए कोशिश करो।

मौलाना रिज़वी ने इस हदीस की रोशनी में कहा कि हमें अपनी ज़िंदगी में इन खूबियों को अपनाना चाहिए ताकि हमारी इबादत और आमाल क़बूल हों और हम दुनिया व आख़िरत में कामयाब हो सकें।

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