हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,ईरान मे मोमनीन ने 19 रमज़ान की रात इबादतों, दुआओं और हज़रत अली अलैहिस्सलाम के शोक में मजलिसों और नौहों में गुज़ारी।
रमज़ान महीने की 19 तारीख़ शबे क़द्र है। क़द्र की रात इस्लाम धर्म के अनुसार बेहद महत्वपूर्ण रात है जिसमें पूरा विश्व आध्यात्मिक नूर से भर जाता है। इस रात को इबादत और दुआओं में बसर करने की ताकीद की गई है।
इस्लामी गणतंत्र ईरान के सभी शहरों और गावों में लोगों ने रात भर जाग कर इबादत की। इबादतों और दुआओं का सबसे मनमोहक नज़ारा पवित्र नगरों मशहद और क़ुम में देखने में आया जबकि पूरे देश की मस्जिदों और इमाम बाड़ों में इसके अलावा घरों में लोगों ने इबादतें कीं।
चूंकि यही रात हज़रत अली अलैहिस्सलाम पर कूफ़ा की मस्जिद में नमाज़ के दौरान होने वाले हमले की रात भी है इसलिए इस रात में हज़रत अली अलैहिस्सलाम का शोक भी मनाया जाता है।
शबे क़द्र की इबादतें, दुआएं और हज़रत अली अलैहिस्सलाम की अज़ादारी ईरान के साथ ही इराक़, भारत और पाकिस्तान सहित अनेक देशों में पैग़म्बरे इस्लाम और उनके परिवार से श्रद्धा रखने वालों ने अंजाम दी जिससे अदभुत माहौल पैदा हो गया।
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