हौज़ा न्यूज़ एजेंसी / लाहौर मजलिस वहदत मुस्लिमीन महिला शाखा की केंद्रीय अध्यक्ष सय्यदा मासूमा नकवी ने ईद-उल-फित्र के खुशी के मौके पर अपने संदेश में कहा कि रमजान का उद्देश्य मुसलमानों के भीतर धर्मपरायणता के गुणों को पैदा करना और इस महीने में ऐसी ट्रेनिंग हासिल करना है जिसका असर साल के बाकी दिनों में दिखाई दे। ईद का उद्देश्य अनावश्यक खुशी और अंधविश्वास नहीं है, बल्कि यह दिन ईश्वर के प्रति कृतज्ञता और पूजा का दिन है तथा अपने निर्माता के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करने का दिन है।
उन्होंने कहा कि यह इस्लामी त्योहार सामूहिकता की अभिव्यक्ति और आपसी एकता और एकजुटता का प्रतीक है। ईद-उल-फित्र के अवसर पर मुसलमानों को ईश्वर की ओर से यह जिम्मेदारी मिलती है कि वे अपने सभी प्रियजनों, रिश्तेदारों, दोस्तों के साथ-साथ समाज के गरीब तबके का भी उनकी खुशी में ख्याल रखें और उनकी खुशी में कभी भी उनकी अनदेखी न करें।
उन्होंने कहा कि इस समय दुनिया का हर मुसलमान दुखी है। फिलिस्तीन में हमारे मुस्लिम भाई-बहनों को इजरायल की क्रूरता का सामना करना पड़ रहा है। हजारों मासूम बच्चों की शहादत से हमारा दिल खून के आंसू रो रहा है। अल्लाह के रसूल (स) की हदीस के अनुसार, संपूर्ण मुस्लिम समुदाय एक शरीर की तरह है, यदि इसका एक हिस्सा दर्द में है, तो शरीर के बाकी हिस्से भी उस दर्द और पीड़ा को महसूस करते हैं। आइए हम फिलिस्तीनी माताओं, बहनों और बच्चों के साथ एकजुटता व्यक्त करें और सादगी के साथ ईद मनाएं और उनके लिए दुआ करें, ईश्वर की इच्छा से इमाम ज़मान (अ) के प्रकट होने के साथ, उत्पीड़ित और उत्पीड़ित लोगों को शक्ति और विजय प्रदान की जाएगी।
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