हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,नहजुल बलाग़ा फाउंडेशन के प्रमुख आयतुल्लाह सय्यद हुसैन दीनपरवर ने कहा कि शहीदों ने वतन की सर बुलंदी और दीन के बचाव के लिए हर खतरे का सामना किया उनकी कुर्बानियां दरअसल इज्ज़त, तरक़्क़ी और मुक़ाबले की संस्कृति की पहचान हैं।
उन्होंने आगे कहा,शहीदों के खून की बरकत से आज हमारा देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक ऊँचा मुकाम रखता है आज के दौर में इंसानियत के दुश्मनों का सामना करने के लिए सबसे ज़रूरी चीज़ इज्ज़त और प्रतिरोध (मुक़ाबले) की संस्कृति है, जो हमारे समाज में शहीदों की कुर्बानियों की वजह से गहराई से रच-बस गई है।
आयतुल्लाह दीनपरवर ने नौजवान पीढ़ी की कुर्बानी और त्याग की भावना पर भी रोशनी डालते हुए कहा,आज शहादत हमारी जीवनशैली का एक हिस्सा बन चुकी है। हमारे नौजवान किसी भी खतरे से नहीं डरते और ऊँचे मक़सद हासिल करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने रमज़ानुल मुबारक के दौरान कुछ मनोरंजनात्मक कार्यक्रमों पर भी टिप्पणी करते हुए उम्मीद जताई कि आने वाले समय में ऐसी आयोजनों की बेहतर योजना बनाई जाएगी ताकि इस मुकद्दस महीने की पवित्रता बनी रहे।
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